
उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर राजीव भारद्वाज कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष थे तब पहली बार बैंक के कार्य में लगातार बढ़ोतरी हुई थी। एक भी मामला ऐसा जनता के समक्ष नहीं आया जिसके अंदर त्रुटि पाई जाए। बैंक को अपने 102 साल के इतिहास में पहली बार 87 करोड़ का लाभ हुआ तो वह तभी हुआ जब राजीव भारद्वाज इस बैंक के अध्यक्ष थे। 217 शाखाएं खुली और बैंक का दायरा जनता तक पहुंचा, एनपीए कम हुआ।
उन्होंने कहा कि चुनाव में भ्रष्टाचार के कई मामले जनता के समक्ष आए हैं जिसमें मुख्यमंत्री के अंडरकवर नेता सम्मिलित है। मुख्यमंत्री राहत कोष में भी मुख्यमंत्री के स्टाफ के व्यक्तियों को किस प्रकार से ज्यादा मदद प्रदान की गई है इसके भी तथ्य जनता के समक्ष पहुंचे है। वर्तमान कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक में भी कई प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है, जिनको कांग्रेस के नेताओं द्वारा दबाने का प्रयास किया गया है। ऐसी एक ऑडियो में वायरल हुई है। भ्रष्टाचार ज्यादा देर छुपता नहीं है और कांग्रेस एवं भ्रष्टाचार का आपसी नाता बहुत गहरा है यह जनता जानती है।