हिम न्यूज़ शिमला। भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की कांग्रेस को चहेतों को फायदे देने की आदत है । एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने दिखा दिया है की फायदे कैसे दिए जाते हैं, प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक होना हो पर अपने लोग खुश रहने चाहिए इसी लक्ष्य के साथ कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ती है।
आज राज्य चुनाव आयुक्त (सेवा की स्थिति) नियम, 2016 के नियम 9 में प्रावधान किया गयाको राज्य चुनाव आयुक्त ऐसे सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ प्राप्त करने के हकदार होंगे जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए स्वीकार्य हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने अधिसूचना संख्या होम-बी-ई(3)20/2006-II दिनांक 21 मार्च, 2023 के तहत उन न्यायाधीशों के लिए स्वीकार्य एकमुश्त राशि बढ़ा दी थी जो हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हो गए हैं ताकि वे खर्चों की भरपाई कर सकें। अर्दली, ड्राइवर, सुरक्षा और सचिवालय सहायता मौजूदा रु. 12,000/- से बढ़ाकर रु. 35,000/- प्रति माह अतिरिक्त राशि के साथ। टेलीफोन खर्च चुकाने के लिए 1500/- प्रति माह। कोई सुविधा रह ना जाए इस को कांग्रेस ने बारीकी से देखा है।
राज्यपाल, हिमाचल प्रदेश ने अधिसूचना सं. PCH-HA(4)1/94-II-लूज़-23711-18 दिनांक 26 अप्रैल, 2018 ने टी.जी. नेगी (सेवानिवृत्त आईएएस) को सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ देने का आदेश दिया है।टी.जी. नेगी (सेवानिवृत्त आईएएस) जैसा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को स्वीकार्य है। टी.जी. नेगी (सेवानिवृत्त आईएएस) पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त, हिमाचल प्रदेश को इसके द्वारा अर्दली, ड्राइवर, सुरक्षा और सचिवालय सहायता आदि के खर्चों को चुकाने के लिए 35,000/- रु प्रति माह का भत्ता दिया जाता है। टेलीफोन खर्च रु. 1500/- प्रति माह 21 मार्च, 2023 से प्राप्त होगा।
इस खाते पर व्यय प्रमुख शीर्ष 2015-चुनाव-109-पंचायती राज/स्थानीय निकायों के चुनाव के संचालन के लिए शुल्क-01 वर्ष 2023-24 के लिए चुनाव के संचालन के लिए एसओई “अन्य शुल्क” (20) की मांग संख्या 17 के तहत शुल्क से डेबिट किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे खर्चों को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, पर अगर खर्च बढ़ाने का कांग्रेस पार्टी ने ठान ही लिया है तो उनको कौन रोक सकता है।