हिम न्यूज़,शिमला-किसानों की अथक मेहनत, वैज्ञानिकों की कुशलता और सरकार की किसान हितैषी नीतियों के फलस्वरूप प्रदेश में कृषि क्षेत्र निरन्तर विकसित हो रहा है। प्रभावी कृषि योजनाओं के माध्यम से किसानों और कृषि उद्यमियों को लाभान्वित किया जा रहा है। वहीं, किसान के हर खेत तक पानी पहुंचाने की सरकार की कवायद सफलता की नई इबारत लिख रही है।
प्रदेश सरकार की जल से कृषि को बल योजना के अंतर्गत राज्य में उपयुक्त स्थानों पर चेक डैम व तालाबों का निर्माण किया जाता है। इनमें एकत्रित जल का उपयोग कर किसान व्यक्तिगत लघु उठाऊ सिंचाई तथा बहाव सिंचाई योजनाओं को बनाकर खेतों तक पानी पहुंचाते हैं। योजना के अंतर्गत सामुदायिक लघु जल संचयन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए शत-प्रतिशत व्यय सरकार द्वारा वहन किया जाता है। वर्ष 2022-23 में 25 करोड़ रुपये व्यय कर प्रदेश के 80.26 हेक्टेयर क्षेत्र में नई सिंचाई योजनाओं का सृजन कर 345 किसानों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2023-24 के लिए इस योजना के अंतर्गत 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। योजना के अंतर्गत प्रदेश में अभी तक 5.18 करोड़ रुपये व्यय कर किसानों को लाभान्वित किया गया है।
प्राकृतिक जल स्रोतों के नवीकरण और सामुदायिक क्षेत्रों में कुहलों को सुदृढ़ कर सिंचाई कार्य में इनका उपयोग करने के लिए सरकार निरन्तर प्रयासरत है। सरकार की प्रवाह सिंचाई योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुहलों के स्रोतों का नवीकरण तथा सामुदायिक क्षेत्रों में कुहलों के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत सभी सामुदायिक कार्यो के लिए शत प्रतिशत व्यय सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। योेजना के अंतर्गत व्यक्तिगत स्तर पर बोरवेल तथा उथले कुओं के निर्माण पर 50 प्रतिशत की सहायता का प्रावधान है। योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 600 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल कर 820 किसानों को लाभान्वित किया गया तथा वर्ष 2023-24 में 8 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया जिसमें से अब तक 4.56 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं।
प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों को प्रयोगशाला से निकालकर खेत तक पहुंचाने की अवधारणा को साकार कर रही है। पहाड़ों में कृषि कार्यों सम्बंधी कठिनाइयों के दृष्टिगत किसानों को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण के लिए राज्य कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत चारा कटर, मक्का शैलर, गेहूं थ्रेशर, स्प्रेयर, ब्रश कटर, एस.एस. हल, एम.बी. हल इत्यादि उपकरण 40 से 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाए जाते हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।कृषक कल्याण को सर्वोच्च अधिमान देते हुए प्रदेश सरकार द्वारा कई प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ महत्त्वाकांक्षी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है जिनसे प्रदेश के किसानों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं और ऊपज में बढ़ौतरी से उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हो रही है।