हिम न्यूज़,मंडी । अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) निवेदिता नेगी ने मंडी जिले में बाजारों में जनता के लिए सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन तय बनाने के निर्देश दिए हैं। एडीसी ने गुरुवार को सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार पर जिला स्तरीय सलाहकार समिति (डीएलएसी) की छठी बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को बाजार में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों के मानकों की कड़ाई से जांच करने को कहा। इसके लिए औचक निरीक्षण करने तथा बाजार में स्वच्छ भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
बैठक में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 व भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों और विनियमों के प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा हुई।निवेदिता नेगी ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी दुकानदार अखबार में लपेट कर तले हुए खाद्य पदार्थों की बिक्री न करे। कचौरी, समोसा या अन्य खाद्य पदार्थों के तलने के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल में पोलर पदार्थ की मात्रा 25 प्रतिशत से ज्यादा होने पर उसका इस्तेमाल न हो।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मीट की दुकानों का भी समय-समय पर निरीक्षण करते रहें। इसके लिए जो नियम हैं उनका पालन तय हो। यह सुनिश्चित बनाएं कि मीट की दुकान 3 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए, कटिंग टूल स्टेनलैस स्टील के होने चाहिए और वहां पर कोई जिंदा जानवर नहीं होना चाहिए। मीट की दुकान पर केवल कच्चा या पका हुआ मीट ही विक्रय किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्लॉटर हाउस से अनुमोदित मीट को ही बेचा जाए।
उन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार खाद्य मानकों को सुनिश्चित करने के लिए खाद्य क्षेत्र में शामिल सभी हितधारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं और जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन पर भी जोर दिया।
उल्लंघनकर्ताओं को 8.60 लाख जुर्मानाबैठक में खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने खाद्य सुरक्षा मापदंडों की स्थिति और मंडी जिले में जनता के लिए सुरक्षित और स्वस्थ भोजन सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से अवगत कराया।बैठक में बताया गया कि अब तक 2258 खाद्य व्यवसाय संचालकों को फूड लाइसेंसिंग के दायरे में लाया गया है। जिनमें से 216 को लाइसेंस जारी किए गए। खाद्य सुरक्षा विंग ने पिछले सात महीनों में 129 से अधिक नमूने लिए हैं। जिनमें से 120 की रिपोर्ट आ गई है। इनमें 41 नमूने घटिया, असुरक्षित और गलत ब्रांडेड पाए गए हैं। इस दौरान 85 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा चलाया गया, जिनमें से 14 मामलों का एडीएम कोर्ट में निर्णय हुआ है और इन्हें 8.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी द्वारा 19 मामले कम्पाउंड किए गए जिनमें 1.50 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि तम्बाकू उत्पादकों को विक्रय करने के लिए सभी को पंजीकरण करवाना अनिवार्य है ।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रिवालसर में स्वच्छ फूड हब विकसित करने तथा बीबीएमबी कालौनी सुन्दरनगर में स्वच्छ खाद्य एवं सब्जी मार्केट के विकास की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेन्द्र भारद्वाज, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एलडी ठाकुर, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक पवन कुमार, फूड सेफ्टी अधिकारी वर्षा ठाकुर, महा प्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, मंडी ओ.पी. जरयाल सहित अन्य विभागों के संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।