प्रदेश में 8 महीनों में 11.4 किलो चिट्टा पकड़ा

हिम न्यूज़ शिमला। हिमाचल में चिट्टे का कारोबार विदेशों से संचालित हो रहा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बैठे ड्रग डिलर नशे की खेप को हिमाचल पहुंचा रहे हैं। दिल्ली में नाइजरियन भी इस धंधे को ऑप्रेट कर रही है।

हिमाचल के बॉर्डर एरिया से नशे की खेप को पहुंचाया जा रहा है।  उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को विधानसभा में विधायक राजेश धर्माणी व केएल ठाकुर के संयुक्त सवाल के जवाब में सदन में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नशे को लेकर चिंतित है और इस पर अंकुश लगाने के लिए सख्ती से कदम उठाया जा राहा है। इस साल 1 जनवरी से 31 अगस्त तक पुलिस ने साढ़े 11 किलो चिट्टा पकड़ा है। जबकि पिछले साल 7.82 किलो चिट्टे की खेप पकड़ी गई थी। उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 से 31 अगस्त 2023 तक 4445 आरोपितों को पुलिस ने नशे के साथ गिरफ्तार किया है।  इस साल 1574 केस हो चुके है। इनमें 2136 पुरुष व 79 महिलाएं आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि इस मामले में गिरफतार आरोपियों की फाइनेंसियल इवेंस्टिगेशन यानि वित्तीय जांच भी की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भोले भाले लोग चिट्टे के आदी बन रहे हैं तथा इन्हें नशे की लत लगाई जा रही है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नशा बहुत बड़ी चिंता है। इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकार इसे रोकने के लिए कृतसंकल्प है। इसे रोकने को युद्वस्तर पर काम हो रहा है। इसके लिए हमें मिलजुल कर प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार इस के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगी और इसके लिए राजनीति से उपर उठकर सभी को सहयोग देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केवल गिरफ्तार करने से समस्या का समाधान नहीं होगा। प्रदेश की सारी जेले इन्हीं से भर रही है। ऐसे में इस बारे में जागरूक्ता चलाना भी जरूरी है, जिसके लिए समाज का सहयोग भी जरूरी है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पडोसी राज्यों में चिट्टे का प्रकोप है। हमारे लिए यह भी समस्या है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इंटरनेशनल गैंग इस धंधे को ऑपरेट कर रही है। पुलिस ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल कर चिट्टे के तस्करों पर नजर रख रही है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विधानसभा में भी कानून पारित कर केंद्र को भेजा है कि पांच ग्राम से कम चिट्टा भी यदि पकड़ा जाता है तो  आरोपित की जमानत रद्द की जाए। अभी तक नियमों में प्रावधान है कि उन्हें बेल मिल जाती है।

उन्होंने कहा कि ऐसी भी सूचना मिल रही है कि जिलों में जो डी एडिक्शन सेंटर यानि नशा निवारण केंद्र भी चिट्टे का कैरियर बन रहे हैं। यानि इनके माध्यम से भी चिट्टा सप्लाई हो रहा है। सरकार इस दिशा में जांच कर रही है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसको लेकर कमेटी बनी है। जबकि जिला स्तर पर डीसी की अध्यक्षता में कमेटियां बनी है। सरकार युद्ध स्तर पर चिट्टा तस्करों को पकड़ने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि सभी विधानसभा सदस्यों को भी जिम्मेवारी का निर्वहन करना होगा ताकि प्रदेश को नशा मुक्त बनाया जा सके। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सीमा दूसरे प्रदेशों में 360 किलोमीटर लगती है। इन राज्यों में चिट्टा बड़ी मात्रा में इस्तेमाल हो रहा है जिससे हिमाचल में भी इसका प्रचलन बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि जनजातीय इलाकों तक भी चिट्टा पहुंच चुका है, जो सबसे बड़ा चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है इनकी संपतियों को भी जब्त कर रही है। इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं।

विधायक केएल ठाकुर ने जानना चाहा कि बीबीएन में पुलिस फोर्स कम है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। बीबीएन में 5 रीहेबिलेशन सेंटर चले हैं।