सरकार पर आरोप-बच्चों को दिए जाने वाला मध्याहन भोजन बनाना हुआ मुश्किल

हिम न्यूज़ शिमला। हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की  पाठशालाओं में बच्चों को दिए जाने वाला मध्याहन भोजन  बनाना अब मुश्किल हो रहा है।

उन्होंने कहा कि एमडीएम बनाने के लिए दिए जाने वाली राशि पिछले 5 महीनो से नहीं मिली है दुकानों की देनदारी कई जगह लाखों में हो गई है और दुकानदारों ने राशन उधार में देना बंद कर दिया है जिससे अध्यापकों को एमडीएम व्यवस्था को चलाना मुश्किल हो गया है।

साथ ही चार-पांच महीनो से पाचकों को वेतन नहीं मिल रहा है जिस कारण पाचकों को अपने घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है संघ  के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा, महासचिव संजय पीसी,  वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप ठाकुर, कोषाध्यक्ष कृष्णपाल शर्मा, उपाध्यक्ष नारायण शर्मा, सह सचिव राकेश पटियाल, महिला विंग की अध्यक्षा अनुराधा मोहिल तथा सभी जिला के जिला अध्यक्षों ने एक संयुक्त वक्तव्य देते हुए सरकार  द्वारा पाचकों का वेतन 3500 से बढ़कर 4000 रुपए करने के लिए  आभार प्रकट किया है परंतु यदि यह राशि पाचकों को समय पर नहीं मिलेगी तो वह अपना गुजर बसर कैसे करेंगे।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा  है कि संघ ने कई बार प्रारंभिक शिक्षा निदेशक घनश्याम चंद जी से मध्यान भोजन की राशि तत्काल प्रभाव से जारी की स्पष्ट बात की थी और उन्होंने शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण करने के निर्देश अपने अधिकारियों को दिए थे लेकिन फिर भी अभी तक एमडीएम की राशि और पाचकों का वेतन जारी न करना बहुत ही  दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षक संघ के पदाधिकारी पर जोर डाल रहे हैं कि यदि 30 तारीख से पहले यह राशि जारी नहीं की जाती तो अगले महीने से हम बच्चों को एमडीएम बनाना मजबूरन बंद कर देंगे। इसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार और विभाग की होगी।जैसा कि सभी को विदित  है कि सर्वोच्च  न्यायालय के आदेशों के बाद ही बच्चों को मध्यान भोजन खिलाया जा रहा है यदि यह बंद होता है तो माननीय  सर्वोच्च न्यायालय  के आदेशों की अवेलना होगी ।

गौरतलब है कि राशन का पैसा अप्रैल 2023 तक ही  उपलब्ध करवाया गया है इसलिए सरकार व विभाग से संघ निवेदन करता है कि इस विषय में तुरंत सकारात्मक कदम उठाकर जल्द ही इस राशि का भुगतान किया जाए ताकि पाठशाला में सुचारू रूप से मध्यान भोजन बनाया जा सके।

संघ ने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग में गैर शिक्षक कर्मचारियों के खंड कार्यालय जिला उपनिदेशक कार्यालय और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में सैकड़ो खाली पदों  को भी  शीघ्रता से भरा जाए। पहले ही प्रारंभिक शिक्षा विभाग में गैर शिक्षकों के खाली चल रहे पदों के बावजूद उपायुक्त कार्यालयों  से कई कर्मचारियों को इलेक्शन के कार्यों के  लिए प्रतिनियुक्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि इलेक्शन का  काम भी जरूरी है लेकिन हर कार्यालय से लगभग एक या दो कर्मचारियों को ही प्रतिनियुक्त किया जाए। जिससे दोनों जगह का कार्य सुचारू रूप से चल सके।