हिम न्यूज़, शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पुरानी पैंशन योजना को अमलीजामा पहनाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से लगभग 1.36 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे तथा भविष्य में जो नए कर्मचारी सरकारी सेवा में नियुक्त होंगे, वे पुरानी पैंशन व्यवस्था में आयेंगे।
इन कर्मचारियों को जीपीएफ के अन्तर्गत भी लाया जाएगा तथा जिन एनपीएस कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति 15 मई, 2003 के उपरान्त हुई है, उनको भावी तिथि से ओपीएस पैंशन दी जाएगी।
नियमों में आवश्यक संशोधन के उपरान्त एनपीएस में सरकार और कर्मचारियों द्वारा जारी अंशदान 1 अप्रैल, 2023 से बन्द हो जाएगा। यदि कोई कर्मचारी एनपीएस के तहत शासित होना चाहते हैं तो वे अपनी सहमति एनपीएस में रहने के लिए सरकार को दे सकते हैं।
नियमों में आवश्यक संशोधन के उपरान्त एनपीएस में सरकार और कर्मचारियों द्वारा जारी अंशदान 1 अप्रैल, 2023 से बन्द हो जाएगा। यदि कोई कर्मचारी एनपीएस के तहत शासित होना चाहते हैं तो वे अपनी सहमति एनपीएस में रहने के लिए सरकार को दे सकते हैं।
ओपीएस लागू करने पर सरकार वर्ष 2023-24 में 1000 करोड़ रूपये अतिरिक्त व्यय करेगी। मंत्रिमंडल ने केन्द्र सरकार से प्रदेश की 8000 करोड़ रूपये एनपीएस राशि को लौटाने का प्रस्ताव भी पारित किया है।
मंत्रिमंडल ने वित्त विभाग को इस सम्बन्ध में नियमों में बदलाव करने तथा आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है।
मंत्रिमंडल ने वित्त विभाग को इस सम्बन्ध में नियमों में बदलाव करने तथा आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है।
780 आशा वर्कर रखने का निर्णय
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत इन्सेटिव (प्रोत्साहन) आधार पर 780 आशा वर्कर रखने का निर्णय लिया गया। यह सामुदायिक स्तर पर सुगम और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाने में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करेंगी। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सामुदायिक प्रक्रिया कार्यक्रम के अन्तर्गत आशा सेवा प्रदाता (फेसिलिटेटर) रखने के लिए दिशा-निर्देशों को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
600 रुपये प्रति विद्यार्थी राशि हस्तांतरित करने को भी स्वीकृति