हिम न्यूज़ हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के पर्यावरण विज्ञान विभाग ने शनिवार को “मोटा अनाज- भविष्य के लिए भोजन” (बाजरा, कोदरा, कुटकी, रागी, कंगनी) विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया।
कार्यक्रम में चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ गोपाल कतना ने बतौर मुख्यावक्ता शिरकत की, तकनीकी विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक डॉ जयदेव विशेष रूप से उपस्थित रहे।
डॉ कतना ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने भारत के प्रस्ताव पर 2023 को मोटे अनाज का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के तौर पर पूरे विश्व भर में मनाने की घोषणा की है। हालांकि, भारत अपने स्तर पर ही 2018 में मोटे अनाज को लेकर साल भर अभियान के रूप में मना चुका है।
उन्होंने कहा कि पूरे हिमाचल प्रदेश की जलवायु बाजरा, कोदरा, कुटकी, रागी, कंगनी के उत्पादन के लिए अनुकूल है। आने वाले समय में इन मोटे अनाज को स्टॉर्टअप, एग्रो पर्यटन और किसानों की आर्थिकी को जोड़कर बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जाएगा।
उन्होंने मोटे अनाज से पर्यावरण संरक्षण के महत्व और स्वास्थ्य लाभ के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की। इस मौके पर तकनीकी विवि के प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।