सरकार के अधीन 36 मंदिर के पास 3.46 अरब रुपए की राशि उपलब्ध 

हिम न्यूज़ शिमला। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार ने मंदिर समितियों और न्यासों से मुख्यमंत्री सुखाश्रय व सुख शिक्षा योजना के लिए आर्थिक सहयोग के लिए निवेदन नहीं किया है। हालांकि भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग ने सभी आयुक्तों को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि मंदिर न्यासों द्वारा धर्मार्थ गतिविधियों तथा कल्याणकारी योजनाओं के लिए उपलब्ध करवाई जा रही धनराशि के साथ साथ मुख्यमंत्री  सुखाश्रय कोष एवं सूख शिक्षा कोष में अंशदान देने पर विचार किया जा सकता है। यह केवल एक स्वैच्छिक विकल्प के रूप में है। इसे लेकर कोई निर्देश व आदेश नहीं है।

उन्होंने बताया कि गत 2 वर्षों में 20 फरवरीए 2025 तक मंदिर ट्रस्टों से प्रदेश सरकार को कोई भी धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। बल्कि मंदिर न्यासों द्वारा धर्मार्थ गतिविधियों तथा कल्याणकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री राहत कोष, आपदा राहत कोष व मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष में अंशदान दिया गया है। ये बात उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधायक त्रिलोक जम्वाल व विपिन सिंह परमार के सवाल के लिखित जवाब में कही उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के अधीन 36 मंदिर है, जिनकी वर्ष 2024 की कुल वार्षिक आय 2 अरब से अधिक है। बड़े मंदिर न्यासों के बैंक खातों में 3.46 अरब रुपए की राशि उपलब्ध है।

केंद्र से लेने है 916 करोड रुपए

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधायक बलवीर वर्मा के एक सवाल के जवाब में कहा कि हिमाचल सरकार को वर्ष 2024-25 के दौरान केंद्र से जल-जीवन मिशन के तहत 916 करोड़ रुपए मिलने थे, इनमें से अभी तक केवल 37 करोड़ रुपए ही मिले है। उन्होंने कहा कि शेष राशि हासिल करने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। अग्निहोत्री ने कहा कि चैपाल विधानसभा क्षेत्र में जलशक्ति विभाग में 152 करोड़ रुपए के काम चल रहे हैं। इसके अलावा जल जीवन मिशन के तहत 65 करोड़ के काम और प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस विधानसभा क्षेत्र में लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए 100 करोड़ रुपए की जरूरत है। यह राशि उपलब्ध होते ही इन कार्यों को पूरा कर दिया जाएगा।