हिम न्यूज़ शिमला। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि केंद्र सरकार की हिमाचल के प्रत्येक गांव को जोड़ने वाली सड़क योजना यानी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए एक बड़ा आधारभूत संरचना की मजबूत नींव साबित हुई है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की दुर्गा में सोच के कारण आज हिमाचल प्रदेश को बहुत बड़ा फायदा हुआ है।
नंदा ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत हिमाचल प्रदेश में 22,380.09 किलोमीटर ग्रामीण सड़क निर्माण पूरा कर लिया है। यह हिमाचल प्रदेश के लिए जीवन रेखा साबित हुई है। जहां हिमाचल में इस योजना के अंतर्गत कुल स्वीकृत 24,967.76 किलोमीटर सड़क है।
पीएमजीएसवाई के चरण- IV का लक्ष्य मार्च 2029 तक पूरे भारत में 25,000 गांवों को जोड़ना है। देश भर में कुल 8,38,611 किलोमीटर सड़कें स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 7,83,304 किलोमीटर पहले ही पूरी हो चुकी हैं। हिमाचल प्रदेश सहित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब नई सड़क परियोजनाओं की पहचान करने और अनुमोदन के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) तकनीक का लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा, इस चरण के तहत, विशेष रूप से आकांक्षी जिलों में, 50% या उससे अधिक अनुसूचित जनजाति (एसटी) आबादी वाली आदिवासी बहुल बस्तियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नंदा ने कहा कि पीएमजीएसवाई के चौथे चरण में हिमाचल प्रदेश में 100 से 250 तक की आबादी वाले गांवों को सड़क से जोड़ने का भी प्रावधान किया गया है। इसमें जनजातीय क्षेत्रों में सौ की आबादी वाले गांवों को 2011 की जनगणना के आधार पर सड़क मिलने की संभावना बनी हुई है, जबकि सामान्य क्षेत्रों में 250 की आबादी वाले गांव सड़क से जुड़ेंगे। गौरतलब है कि हिमाचल में पीडब्ल्यूडी ने अलग-अलग सर्वेक्षण के माध्यम से अब तक करीब 700 गांवों की तलाश कर ली है। पीएमजीएसवाई की नई गाइडलाइन में एक और फैसला किया और इसमें बर्फबारी की वजह से अलग-थलग रहने वाले क्षेत्रों को पीएमजीएसवाई के चौथे चरण में जोड़ने की बात कही जा रही है।