अप्रैल, 2022 महीने में भारत का कुल कोयला उत्पादन 661.54 लाख टन रहा। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और उसकी सहायक कंपनियों ने जहां 534.7 लाख टन कोयले का उत्पादन किया वहीं सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) का उत्पादन 53.23 लाख टन रहा और कैप्टिव खानों से पिछले महीने के दौरान 73.61 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ।
कोयला मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने के दौरान कोयला क्षेत्र का कुल उठाव 708.68 लाख टन हुआ जिसमें विद्युत क्षेत्र का उठाव अप्रैल में 617.2 लाख टन रहा। इसी दौरान अकेले कोल इंडिया से ही विद्युत क्षेत्र का उठाव 497.39 लाख टन रहा।
कोल इंडिया ने इस वर्ष अप्रैल के दौरान सबसे अधिक 534.7 लाख टन उत्पादन हासिल किया है जो 6.02 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। अब तक का पिछला सबसे अधिक उत्पादन अप्रैल, 2019 के दौरान दर्ज हुआ था जब 450.29 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ था। इसी तरह अप्रैल में कोयला उठाव 570.55 लाख टन के आंकड़े को छू गया। कोयले का पिछला सर्वाधिक उठाव अप्रैल, 2021 में दर्ज हुआ था जब 540.12 लाख टन कोयले का उठाव हुआ था।
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल कोयला उत्पादन 7770.23 लाख टन (अस्थायी) रहा थाजो 2020-21 के दौरान हुए 7160 लाख टन उत्पादन की तुलना में 8.55 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन जो 2020-21में 5960.24 लाख टन था, 4.43 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 6220.64 लाख टन हो गया।
सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) ने वर्ष2021-22 के दौरान 28.55 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 650.02 लाख टन कोयले का उत्पादन किया जबकि इससे पिछले वर्ष 500.58 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ था। कैप्टिव खानों का कोयला उत्पादन बढ़कर 890.57 लाख टन हो गया जो 2020-21 के दौरान यह केवल 690.18 लाख टन रहा था।
वर्ष 2021-22 के दौरान कोयले की कुल रवानगी 8180.04 लाख टन रही जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 6900.71 लाख टन रहा था इस प्रकार 18.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। इस अवधि के दौरान, सीआईएल ने 6610.85 लाख टन कोयले की रवानगी की जबकि 2020-21 के दौरान यह आंकड़ा 5730.80 लाख टन रहा था।