मल्लखंब का मुंबई शहर से एक आंतरिक संबंध-दीपक

मुंबई शहर का वर्णन अक्सर सपनों के शहर के रूप में किया जाता है। इसका कारण है इसका बॉलीवुड से जुड़ा होना और साथ में आने वाला ग्लैमर। खेल के संबंध में, सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों के कारण शहर को क्रिकेट से भी जोड़ा जाता है। लेकिन जैन विश्वविद्यालय, बेंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 में मल्लखंब अखाड़े में मुंबई शहर सुर्खियों में आ गया क्योंकि मुंबई विश्वविद्यालय के एथलीटों ने अपने सनसनीखेज प्रदर्शन से सभी को स्तब्ध कर दिया।

विश्व चैंपियन दीपक शिंदे ने सोमवार को लड़कों की ऑल-अराउंड इंडिविजुअल चैंपियनशिप मल्लखंब में भाग लिया, क्योंकि मुंबई विश्वविद्यालय के उनके साथियों ने उनकी जय-जयकार करते हुए उन्‍हें प्रोत्‍साहित किया। दीपक ने पोल में 9.6, रोप में 8.7 और हैंगिंग में 9 के स्कोर के साथ कुल 27.30 का स्कोर किया और दिन के शीर्ष खिलाड़ी के रूप में उभरे।

एम.कॉम के 25 वर्षीय छात्र ने अपने शानदार प्रदर्शन के बाद कहा, “आज, मेरे माता-पिता वास्तव में खुश होंगे। वे लगातार मुझे मेरा स्कोर चैक करने के लिए बुला रहे हैं। उन्होंने चुनौतियों के बावजूद हमेशा इस खेल में मुझे आगे बढ़ाने में मेरा समर्थन किया है।”

है। ऐतिहासिक ग्रंथों और प्राचीन कलाकृतियों द्वारा सुझाए गए साक्ष्य के अनुसार, मराठा राजा पेशवा बाजीराव द्वितीय के फिटनेस और खेल प्रशिक्षक बलमभट्ट दादा देवधर ने 1800 के दशक में एक प्रशिक्षण पद्धति के रूप में पेशवा की सेना के लिए कला के इस रूप को पुनर्जीवित किया। इस बात का समर्थन करने के लिए ऐतिहासिक सबूत भी हैं कि मराठा साम्राज्यके प्रसिद्ध व्‍यक्ति जैसे लक्ष्मीबाई, नाना साहब और तांत्‍या टोपे भी मल्लखंब का अभ्यास करते थे।

दीपक जो स्‍वयं मुंबई में कांदिवली के रहने वाले हैं, उन्‍होंने कहा, “सम्राटों की परंपराओं को जीवित रखने के लिए, महाराष्ट्र ने मल्लखंब को एक खेल के रूप में अपनाया, मुंबई शहर में शिवाजी पार्क एथलीटों के लिए इसका केन्‍द्र बन गया। लेकिन अब, जैसे-जैसे खेल के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है, मल्लखंब मुंबई के सभी क्षेत्रों में फैल गया है।  जैसे- चेंबूर, सांता क्रूज़, अंधेरी, या कांदिवली – राज्य से कुछ बेहतरीन एथलीट उभर रहे हैं।